सोमवार, 27 मई 2013

" ना थमेगा तूफ़ान अब , ना थमेगी ये गर्जना !! "



ना थमेगा तूफ़ान अब,
ना थमेगी ये गर्जना,
ना रुकेंगी ये आहटें
है आँधियों की सूचना,
कल तक थे हम भी सो रहे,
अपने लहू के वासते,
अब जगे हैं तो कर रहे,
शत्रु प्रभु से अर्चना।।

कितना भी हो जोश तुझमें,
कितना भी ललकार ले,
कितनी भी दे गालियाँ,
और कितना भी फुफकार ले,
दबी थी जो राख में
वो आग अब है जल रही
हैं उठ रहीं चिंगारियाँ
अब खुद को तू पुचकार ले।।

ना थमेगा ये रोष अब,
ना थमेगी ये साधना,
ना मिटेंगे अब घरोंदे,
है शत्रुओं को सूचना,
कल तक थे सब बिखरे हुए
और स्वयं में तल्लीन थे,
अब जुड़े हैं तो देखना
जीतेगी अपनी चेतना !!!!!


                               -अंकिता जैन 

सोमवार, 20 मई 2013

गुलज़ार के नाम
























वो माथे पे लगी
तुम्हारी बिंदी में सिमट भी सकता है
या समा सकता है तुम्हारे
लहराते आँचल में

वो सियासी कालिख़ को
कुरेद भी सकता है
या छुपा सकता है तुम्हारे
हालों में

पतझड़ के पत्ते,
पिघलता चाँद और टूटते आबशार
कहो कहाँ थे पहले?

वो आसमान पे हाथ धरे
और ज़मीन पे पांव टेके हुए है.
सब उसका है,
सब

 

शनिवार, 18 मई 2013

प्रत्याशा




हाँ तू है उर्वशी, मेरी निश्छल प्रेयसी,
अगणित भवरों की लिप्सा अतृप्त  कली,

क्यों है प्रथम स्नेह की अबोध संसृति,
करती मृदु मुस्कान से उर्जस्वित प्रीती ;

हो उत्प्लवन अभिलाषा नहीं संकोच मृगनयनी ,
दुर्लभ स्वप्न नहीं, है बनना संगीतमयी  सहधर्मिणी

                                                             -------------------  शिवेंद्र सिद्धार्थ "शाहबाज़"

खोया क्यों है आज तू ?



अम्बर की हर ऊंचाई पर, समुद्र के गहन की कोख तक है तू
माँ के आंचल मे, घर के आंगन मे है तू
जीवन के हर एक पहलू में गतिशील, फिर भी खोया क्यों है आज तू

मन मे तूफ़ान को लिए घूमता है, पर पहाडों से आज भी थरथराता है तू
कई अरमानों को गुथ रखा है, पर शिकायतों का सैलाब है तू
सही राह का बोध है तुझे, फिर भी गलत राहों पर लुप्त है तू
सच-झूठ का परिज्ञान है, फिर भी खोया क्यों है आज तू

मिट चुका वजूद है तेरा, क्यों  विनाश से भयभीत है तू
बिक चुका ईमान है तेरा, वंचन से क्यों आतंकित है तू
भीगती रगों मे ओजस है इतना, इस क्रांति को क्यों नकारता है तू
ऎलान का लय निकट है, फिर क्यों  आज खोया है तू
                                   
                                                                                  ------------------  निमिष मेहता